ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिङ्गंनिर्मलभासित शोभित लिङ्गम् ।जन्मज दुःख विनाशक लिङ्गंतत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ १ ॥ देवमुनि प्रवरार्चित लिङ्गंकामदहन करुणाकर लिङ्गम् ।रावण दर्प विनाशन लिङ्गंतत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ २ ॥ सर्व सुगन्ध सुलेपित लिङ्गंबुद्धि विवर्धन कारण लिङ्गम् ।सिद्ध सुरासुर वन्दित लिङ्गंतत्-प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम् ॥ ३ ॥ कनक महामणि भूषित लिङ्गंफणिपति वेष्टित शोभित लिङ्गम् ।दक्ष सुयज्ञ निनाशन लिङ्गंतत्-प्रणमामि…

Read More